छत्तीसगढ़ : डोंगिनपारा मुठभेड़ में मारा गया नक्सली की पहचान 5 लाख ईनामी केरलापाल एरिया कमेटी सदस्य के रूप में हुई।

छत्तीसगढ़ : डोंगिनपारा मुठभेड़ में मारा गया  नक्सली की पहचान 5 लाख ईनामी केरलापाल एरिया कमेटी सदस्य के रूप में हुई।



मुठभेड़ स्थल से बीजीएल लॉन्चर हथियार एवं भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ एवं नक्सल सामाग्री बरामद।

छत्तीसगढ़ ( सुकमा ) ओम प्रकाश सिंहपुलिस अधीक्षक सुकमा किरण चव्हाण द्वारा बताया गया कि सुकमा-दंतेवाड़ा अंतरजिला क्षेत्र में केरलापाल थाना इलाका के अंतर्गत डोंगिनपारा के जंगल क्षेत्र में माओवादियों की मौजूदगी संबंधी आसूचना के आधार पर सुकमा डीआरजी,एसटीएफ़,सीआरपीएफ़ की संयुक्त टीम द्वारा क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन प्रारंभ किया गया।



अभियान के दौरान दिनांक 29/07/2025 के प्रातः से माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच रूक रूककर मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ स्थल सर्च करने पर 1 पुरूष वर्दीधारी माओवादी का शव हथियार सहित बरामद हुआ हैं। प्रारम्भिक तौर पर गोगुंडा-डोंगिनपारा  मुठभेड़ में मारे गए माओवादी की पहचान :-



कोटला गंगा उर्फ मुचाकी गंगा निवासी गोगुंडा सुकमा
पद- ACM (केरलापाल एरिया कमेटी :
शासन द्वारा घोषित ईनाम 5 लाख ) के रूप में हुई है।

मुठभेड़ स्थल से बरामद सामग्रियों का विवरण :-

01.  BGL लॉन्चर रायफल 1 नग
02.  BGL पोज 1 नग
03.  BGL सेल 9 नग
04.  BGL लॉन्चर कॉटेज  9 नग
05.  वायरलेस सेट 1 नग मय चार्जर
06.  डेटोनेटर 11 नग
07.  कोर्डेक्स वायर गांठ लगा हुआ 04 नग
08.  जिलेटिन रॉड 2 नग
09.  पिट्ठू 2 नग
10.  एलीमीटर 1 नग
11.  बिजली वायर लगभग 10 मीटर
12.  नक्सली  साहित्य 5 नग
13.  अन्य दैनिक उपयोगी सामग्री ।

अभियान के दौरान प्रेशर IED ब्लास्ट में DRG के 3 जवान घायल हुए हैं। सभी घायलों को सुरक्षित रूप से मुठभेड़ स्थल से बाहर निकाला गया है तथा उन्हें उच्च स्तरीय  चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। फिलहाल सभी की स्थिति स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं।

पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज, सुन्दरराज पी. ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों और कठिन मौसम के बावजूद, बस्तर में तैनात पुलिस एवं सुरक्षा बल भारत सरकार तथा छत्तीसगढ़ शासन की मंशा के अनुरूप — और बस्तरवासियों की आकांक्षाओं के अनुरूप — जनजीवन और संपत्ति की सुरक्षा हेतु पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं।

पुलिस महानिरीक्षक ने माओवादी कैडरों से अपील की कि वे यह यथार्थ स्वीकार करें कि माओवाद समाप्ति के कगार पर है। अब समय आ गया है कि वे हिंसा का मार्ग त्याग कर सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाते हुए मुख्यधारा से जुड़ें। यदि वे अवैध और हिंसक गतिविधियाँ जारी रखते हैं, तो उन्हें कठोर परिणाम भुगतने होंगे।

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