छत्तीसगढ़ : मुठभेड़ में मारे गए माओवादी के शवों की पहचान केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा @ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा @ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई,40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित।
अभूझमाड़ मुठभेड़ में मारे गए माओवादी कैडरों के शवों की पहचान सीपीआई (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा @ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा @ कादरी सत्यनारायण रेड्डी के रूप में हुई है। दोनों पर छत्तीसगढ़ राज्य में 40-40 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर, भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य एवं अन्य सामग्री बरामद की गई है।
छत्तीसगढ़ (अभूझमाड़ - नारायणपुर ) ओम प्रकाश सिंह । नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन ने बताया कि छत्तीसगढ़–महाराष्ट्र अंतर्राज्यीय सीमा क्षेत्र स्थित अभूझमाड़ इलाके में माओवादी गतिविधियों की सूचना पर सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन चलाया।
इस अभियान के दौरान 22/09/2025 की सुबह से माओवादी एवं सुरक्षा बलों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हो रही थी।
मुठभेड़ के उपरांत, मौके से दो पुरुष माओवादी कैडरों के शवों के साथ हथियार, विस्फोटक एवं अन्य सामग्री बरामद की गई।
प्रारंभिक पहचान में पुष्टि हुई कि ये दोनों माओवादी कैडर केंद्रीय समिति के सदस्य राजू दादा @ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा @ कादरी सत्यनारायण रेड्डी हैं।
दोनों माओवादी कैडरों की मूल प्रोफ़ाइल निम्नलिखित है:
इनके आपराधिक रिकॉर्ड एवं अन्य राज्यों तथा एजेंसियों द्वारा घोषित इनाम से संबंधित विवरण एकत्रित किए जा रहे हैं।
केंद्रीय समिति के दोनों सदस्य राजू दादा और कोसा दादा पिछले तीन दशकों से दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति में सक्रिय थे और अनेक हिंसक घटनाओं के मास्टरमाइंड रहे हैं, जिनमें कई जवान शहीद हुए और निर्दोष नागरिकों की जानें गईं।
मुठभेड़ स्थल की तलाशी के दौरान एक एके-47 राइफल, एक इंसास राइफल, एक बीजीएल लॉन्चर, भारी मात्रा में विस्फोटक, माओवादी साहित्य एवं दैनिक उपयोग की वस्तुएँ बरामद की गईं।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी. ने कहा कि प्रतिबंधित माओवादी संगठन के खिलाफ चलाए जा रहे निर्णायक अभियानों से संगठन को बड़ी चोट पहुँची है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार तथा बस्तर की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ सेवा कर रहे हैं।
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर ने एक बार फिर माओवादी कैडरों और उनके नेतृत्व से अपील की कि वे यह स्वीकार करें कि माओवादी आंदोलन अब अपने अंत की ओर है। यह समय है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागकर मुख्यधारा में लौटें और सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत सुरक्षा और लाभ प्राप्त करें।
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