छत्तीसगढ़ : जन अधिकार(मोर्चा) सामाजिक कल्याण संघ, छ.ग. की प्रदेश स्तरीय प्रथम बैठक कांकेर जिला में सम्पन्न
छत्तीसगढ़ ( उत्तर बस्तर कांकेर ) ओम प्रकाश सिंह । जन अधिकार सामाजिक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रिका सिंह एवं प्रदेश महासचिव विपिन कुमार तिवारी ने प्रेस मीडिया को यह अवगत कराया कि, प्रदेश के बेरोजगारों, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, रसोईयाओं एवं पेशंनर्स तथा लिपिकों की समस्याओं के साथ ही साथ अन्य सामाजिक समस्याओं के निराकरण करने हेतु संघ द्वारा मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ एवं मुख्य सचिव को ज्ञापन के माध्यम से निम्न लिखित 15 बिन्दुओं से अवगत कराते हुए निवेदन किया है कि, हर मानव एक सामाजिक प्राणी है, और अपने जीविकोपार्जन के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है।
सामाजिक संरचना के भू-तल को दृष्टिगत रखते हुए न्याय दिया जाना, न्याय की श्रेणी में आता है। समाज का विकास तो देश का विकास के मद्देनज़र संघ को प्राप्त समस्यायों के निवारण हेतु की गयी अपील अनुसार निग्न बिन्दुओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित कर संघ समस्याओं का निराकरण करने हेतु करबद्ध प्रार्थना करता है।
1. यह कि, प्रदेश के बेरोजगारों के लिए शासन द्वारा बनायी गयी नीति का संघ स्वागत करते हुए यह निवेदन करता है कि, नीति में सरलीकरण करते हुए बेरोजगारों को रोजगार मुहैय्या कराया जायें, ताकि प्रत्येक बेरोजगार हँसते हुए उस नीति का पालन कर सौंपे गये दायित्वों को निर्वहन भली-भांति कर सके। 2. यह कि, प्रदेश के भीतर विभिन्न विभागों में कई वर्षों से दैनिक वेतन भोगी के रूप में विभिन्न पदों पर कर्मचारी सेवा दे रहे हैं। उनका नियमितिकरण न होने से निश्चित तौर पर कर्मचारी तथा उसके परिवार में एक भय का वातावरण बना रहता है कि, हमारी सेवायें कब तक चल पायेंगी और हम कब नियमित हो पायेंगे, न केवल संबंधित कर्मचारी अपितु उसका पूरा परिवार इस चिन्तामयी रोग का शिकार होता है। संघ विनम्र प्रार्थना करता है कि, एक चरणबद्ध तरीके से नियमितिकरण की कार्यवाही करने की महान कृपा करेंगे, क्योंकि प्रायः यह मुद्दा विपक्ष के लिए चुनावी मुद्दा का रूप धारण करता है। वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के जस्टिस बिभु दत्ता गुरू के सिंगल बेंच द्वारा 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 60 दिवसो में नियमितिकरण का लाभ दिये जाने हेतु आदेश पारित किया है। संघ का निवेदन है कि, माननीय न्यायालय के आदेशों का कड़ाई से पालन कराने की कृपा करेंगे 3. यह कि, प्रदेश में शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्कूलों/छात्रावासों / आवासीय विद्यालयों में कार्यरत् रसोइयों को वर्तमान में दिया जा रहा मानदेय कलेक्टर दर से भी कम है। कलेक्टर द्वारा समय-समय पर जारी मजदूरी दर में यह स्पष्ट उल्लेख रहता है कि, किसी भी मजदूर/श्रमिक को कलेक्टर दर से कम मजदूरी का भुगतान नहीं किया जाना है। रसोईया भी दिनभर की सेवा देता है फिर उन्हें कलेक्टर दर से कम दर दिया जाना, न ही उचित है और न ही न्यायसंगत प्रतीत होता है। संघ विनम्र निवेदन करता है कि. इनके मजदूरी दर पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मानवीय आधार पर कलेक्टर दर देने की महान कृपा करेंगे। 4. यह कि, प्रदेश के भीतर शासन द्वारा समय-समय पर जारी महँगाई भत्ता नियमित कर्मचारियों को तो दे दिया जाता है किन्तु पेंशनरों को लम्बे समय तक इंतेजार करना पड़ रहा है जबकि, इस उम्र में महंगाई एवं बीमारी को दृष्टिगत रखते हुए पेंशनरों को पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है। संघ विनम्र निवेदन करता है कि, समय-समय पर जारी महँगाई भत्ता आदेश में नियनित कर्मचारियों की भांति इनका लाभ पेंशनरों को भी दिया जावें।5. यह कि, प्रदेश के लिपिकों का सन् 1981 वेतन आयोग द्वारा सिफारिश की गयी वेतनमान सूचकांक को देखने से यह पता लगता है कि, लिपिक के संवर्ग अन्य पदों का वेतनमान लिपिकों के वेतनमान से कम रहा है। इसके पश्चात् जब-जब आयोग बैठा तब-तब इस वर्ग का वेतनमान शनै-शनै कम होता चला गया, जिसके कारण आज प्रदेश के लिपिक अपने वेतनमान को कार्य के अनुरूप न मानते हुए अपमानजनक वेतनमान स्वीकार कर वेतन प्राप्त कर रहे हैं। महोदय संघ यह निवेदन करता है कि, किसी भी वर्ग को प्राप्त वेतनमान में गिरावट करना तथा कम वेतन पाने वाले को उच्चतम वेतनमान देना किसी भी दृष्टि से न तो उचित है और न ही न्यायसंगत है। संघ विनम्र निवेदन करता है कि प्रदेश के लिपिकों को सम्मानजनक वेतनमान देने की महान कृपा करेंगें ताकि, वे अपने सेवाकाल में अपने-आपको अपमानित महसूस न करें। 6. यह कि, रेल्वे विभाग द्वारा प्रदेश के बस्तर संभाग जहाँ से लौह अयस्क का भारी मात्रा में परिवहन किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर वहां की जनता के समस्याओं की ओर कोई ध्यान न दिया जाना किसी भी स्थिति में न तो उचित है और न ही न्यायसंगत इतने बड़े भू-भाग बस्तर संभाग के मुख्य रेल्वे स्टेशन जगदलपुर में आजतक रेम्प का निर्माण नहीं किया गया है, जिसके कारण विशाखापट्नम व उड़ीसा राज्य में उपचार कराने जाने वाले मरीजों को ना-ना प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार बस्तर संभाग के दन्तेवाड़ा जिले का निर्माण लगभग 25 वर्ष पूर्ण होने को है निश्चित तौर पर यहां की आबादी काफी संख्या में बढ़ी है, जिसके कारण यातायात का घनत्व भी बढ़ा है प्रत्येक घंटे में माल गाडियों के आवाजाही से आंवराभाटा स्थित रेल्वे क्रासिंग बंद रहता है, केवल आने-जाने वाले ही परेशानियों का सामना नहीं कर रहे हैं। जिला चिकित्सालय से रेफर किये गये मरीज भी इसके शिकार हो रहे हैं। संघ विनम्र निवेदन करता है कि, जगदलपुर में रेम्प का निर्माण तथा दन्तेवाड़ा जिला के आंवराभाटा स्थित रेल्वे क्रासिंग पर उच्च स्तरीय पुल (ओव्हर ब्रीज) निर्माण कराने की महान कृपा करेंगें। 7. यह कि, अम्बिकापुर संभाग अंतर्गत अम्बिकापुर से बरवाडीह तक रेल लाईन का आज तक विस्तार व निर्माण न होने से न केवल क्षेत्र की जनता परेशान है अपितु क्षेत्र का विकास भी कहीं न कहीं प्रभावित हो रहा है। संघ विनम्र निवेदन कर मांग करता है कि, उक्त रेल लाईन का विस्तार कराने की महान कृपा करेंगें। 8. यह कि, जिला गरियाबंद निर्माण हुए लगभग 13 वर्ष पूर्ण होने को है यहां कि आबादी और यातायात का घनत्व काफी बढ़ने के बावजूद भी गरियाबंद शहर में न तो डिवाडर का निर्माण किया गया है और न ही कोई बाईपास सड़क की व्यवस्था है। आज भी भारी वाहन शहर के बीचों-बीच रोड़ से गुजरते है, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करता पड़ता है वहीं दूसरी ओर आय दिन दुर्घटनायें भी होती रहती है और भविष्य में बड़ी दुर्घटना होने से इंकार भी नहीं किया जा सकता। अतः संघ निवेदन कर मांग करता है कि, मालगांव से डोंगरीगांव तक बाईपास सी.सी. रोड का निर्माण कराने की महान कृपा करेंगे। भविष्य में भारी वाहनों को शहर के अंदर से प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाकर बाईपास भेजने की व्यवस्था की जाये जिससे जहां एक ओर जनमानस को राहत मिल सकेगा यहीं दूसरी ओर अप्रिय घटना को रोका जा सकेगा। 9. यह कि, प्रदेश के भीतर राज्य शासन ने शासकीय कर्मचारियों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है नियमित स्थापना एवं कार्यभारित स्थापना दोनों श्रेणी में समान कार्य का समान वेतनमान प्राप्त हो रहा है। बड़ा हास्यपद बात है कि, कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों को अवकाश के नाम पर दोहरा मापदण्ड अपनाया गया है जोकि, किसी भी स्थिति में न तो उचित है और न ही न्याय संगत, संघ विनम्र आग्रह करता है कि, मानवता को दृष्टिगत रखते हुए नियमित स्थापना के कर्मचारियों की भांति सभी कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश एवं अवकाश के नगदीकरण का लाभ भी दिया जावे। 10. यह कि, शासन द्वारा जनहित में जा चलाये जा रहे जल जीवन मिशन पुनीत कार्य काफी स्वागत योग्य है और जनमानस इसका स्वागत करता है किंतु जल जीवन मिशन कार्य को सौंपे गए विभाग द्वारा गंभीरता से न लेने के कारण केवल कागजों में लगभग कार्यवाही सिमट कर रह गई है इसका लाभ ग्रामीण अंचलों में जनता को नहीं मिल पा रहा है यह शिकायत ग्रामीणों द्वारा बार-बार संघ को की जा रही है, संबंधित विभाग शासन द्वारा चलाए गए इस पुनीत कार्य को पूरी तरह से ध्वस्त करने में मस्त है। संघ निवेदन कर मांग करता है कि, कराए गए कार्यों की जहां एक और सूक्ष्मता पूर्वक जांच कराया जाना निहायत आवश्यक हो गया है वहीं, दूसरी ओर जनता को समयबद्ध तरीके से शुद्ध पेयजल प्राप्त हो सके समुचित व्यवस्था किया जाना नितांत आवश्यक है तत्संबंध में संघ आपसे निवेदन करता है कि जनता की परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए इसका निराकरण करेंगे। 11. यह कि, राज्य शासन की समस्त शासकीय विभागों के शासकीय वाहनों का बीमा कराया जाना नितांत आवश्यक है क्योंकि दुर्घटनाएं किसी भी विशेष वर्ग को पूछ कर नहीं आती और यदि शासकीय विभागों में वाहनों से कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो कर्मचारी व अधिकारी को इसका लाभ नहीं मिलता जोकि, ना तो उचित है नहीं न्याय संगत है। अतः संघ आपसे निवेदन करता है कि शासकीय वाहनों का बीमा कराया जावें। 12. यह कि, राज्य शासन के अंतर्गत शासकीय कर्मचारियों के स्थानांतरण पर लगाये गये प्रतिबंध को हटाने का कार्य शासन द्वारा किया जायें। 13. यह कि, बस्तर संभाग के अंतर्गत छात्रावास/आश्रमों में स्वास्थ्य सेवा के तहत् स्वास्थ्य कार्यकर्ता की नियुक्ति हो। 14.यह कि, राज्य के सभी जनपद पंचायतों के कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के पश्चात पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए। 15. यह कि, बस्तर संभाग एवं सरगुजा संभाग राज्य का विशेष क्षेत्र है।
इन क्षेत्रों में राज्य स्तरीय भर्ती प्रक्रिया से प्रायः भरे गए पद स्थानांतरण के परिणाम स्वरूप पुनः रिक्त हो जाते हैं, जिससे इन क्षेत्रों में पद खाली पाए जाते हैं। संघ मांग करता है कि, रिक्त पदों पर स्थानीय मर्ती होनी चाहिए जिससे रिक्त पदों की समस्या समाप्त होगी। अतः संघ विनम्र निवेदन कर गांग करता है कि, उपरोक्तानुसार बिन्दुवार 15 मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए जनहित में जल्द से जल्द मांगों की पूर्ति करने की महान कृपा करेंगे, जिसके लिये संघ आपका सदैव आभारी रहेगा। कृपया की गयी कार्यवाही से संघ को अवगत कराने की महान कृपा करेंगें। उक्त मांगो के संबंध में कलेक्टर की अनुपस्थिति में कलेक्टर के प्रतिनिधि सुश्री दुर्गा कुजूर, नायब तहसील ने सभा स्थल पर आकर संघ के ज्ञापन को प्राप्त किया। संघ के जिला कांकेर में इस प्रदेश स्तरीय प्रथम बैठक में 15 नए सदस्यों ने संघ की 31 बिंदुओं पर बने रीति नीति से प्रभावित होकर संघ सदस्यता ग्रहण की है। संघ की इस बैठक में मुख्य पदाधिकारी के रूप में प्रदेश प्रभारी कर्मवीर सिंह जादौन, प्रदेश संयोजक जाहिद अहमद खान, सुशिल कुमार टोप्पो, राजेंद्र पांडे एम एल रसानिया, ए सुधाकर श्रीमती इंद्र शर्मा सुदामा ठाकुर श्रीमती इंदिरा ठाकुर शरद शर्मा श्रीमती दुर्गा ठाकुर श्रीमती के ठाकुर चटर्जी तुलसीराम बघेल रवि तिवारी रामविलास साहू श्रीमती शकुंतला श्रीमती अनुसूईया सोनवानी पन्नालाल सोनवानी गुलशन निषाद राम कुमार सिंह अनिल साहू रवि तिवारी अशोक जायसवाल राजेश माने कोटेश्वर चापड़ी, श्रीमती सत्य शील मेश्राम नितेश जैन एम डी बघेल श्रीराम पोर्टते शिवा स्वर्णकार शंकर श्रीवास्तव सत्यभान सिंह जादौन कृष्ण कुमार साहू, ओम प्रकाश सेन जितेन सेठिया सहदेव सोनवानी जी जिला कांकेर के अध्यक्ष ने कार्यक्रम का सामापन कर आभार व्यक्त किया गया।
0 Comments