सुकमा जिले में पीएलसी वर्कशॉप का हुआ आयोजन

 

सुकमा जिले में पीएलसी वर्कशॉप का हुआ आयोजन


1100 शिक्षकों को मिला प्रशिक्षण


छत्तीसगढ़ ( सुकमा ) बस्तर दर्पण । सुकमा जिले में शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली स्थानीय समस्यस्यों को दृष्टिगत रखते हुए शिक्षकों को पीएलसी (प्रोफेशनल लर्निग कम्नुयिटी) का प्रशिक्षण दिया गया। कलेक्टर श्री विनीत नंदनवार के निर्देशन में जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा जिला सुकमा के नेतृत्व में जिले में दिनांक 15 दिसम्बर से 22 दिसंबर 2020 तक ब्लॉक स्तरीय पीएलसी प्रोफेशनल लर्निंग कम्नुयिटी का प्रशिक्षण दिया गया।

 



इसके तहत् प्रथम चरण में सुकमा विकास खण्ड में 27 पीएलसी कुल 270 शिक्षक, द्वितीय चरण कोन्टा विकासखंड में 37 पीएलसी में 370 शिक्षक और तृतीय चरण छिन्दगढ़ विकासखण्ड में 46 पीएलसी में कुल 460 शिक्षकों को ब्लाक मुख्यालय में प्रशिक्षण दिया गया। पीएलसी में भाग लेकर बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में आने वाली स्थानीय समस्यायों को ध्यान में रखते हुए विषय एवं पाठ्यक्रम से जोड़कर प्रोजक्ट तैयार कर शिक्षकों द्वारा प्रस्तुति दी गई, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में जिले की प्रमुख समस्या एक शिक्षकीय शाला, पालकों व अभिभावकों का अशिक्षित होना एवं भाषायी समस्या के आधार पर पीएलसी द्वारा उसके निदान का भी सुझाव देते हुए प्रोजेक्ट तैयार किया गया था जिसे इस वर्कशॉप में प्रदर्शन किया गया।




" पीएलसी प्रशिक्षण शिक्षकों के उन्मुखीकरण में लाभदायक "




वर्कशॉप में पीएलसी हेड के नेतृत्व में सभी सदस्यों की सहभागिता एवं सहयोग से बच्चों में लर्निंग आउटकम (सीखने के प्रतिफल) आधारित प्रोजेक्ट तैयार करवाये गए तथा नवम्बर 2021 में होने वाले राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण ( एन ए एस ) को आधार मानते हुए कार्य करने के निर्देश पीएलसी को दिए गए। 




इस वर्कशॉप प्रशिक्षण के माध्यम से पीएलसी सदस्यों को गणित के मूलभूत कौशलों को कक्षा में लर्निंग आउटकम आधार पर बच्चों को अधिक अभ्यास करने, बच्चों को उनके स्तर के अनुरूप शब्द, वाक्य की समझ विकसित करने, कमजोर क्षेत्रों की पहचान कर उन पर उपचारात्मक शिक्षण कार्य करने पाठ्यपुस्तक के सभी प्रयोगों को कक्षा में अभ्यास करवाकर दिखाने एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन  में बच्चों की उपलब्धि में सुधार करने सभी पीएलसी को आपस मे मिलकर सभी को साथ लेकर नवाचार करते हुए सुधार की दिशा में प्रयास जारी रखने तथा बच्चों को ओ एम आर पर नियमित अभ्यास कराने पर जोर दिया गया ताकि राष्ट्रीय उपलब्धि परीक्षण में बच्चे अच्छा प्रदर्शन कर बेहतर परिणाम दे सकें।

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